प्रीत की राह पे

प्रीत  की  राह  पे  रसखान  नजर आएंगे।
वरना  सब लोग ही बेईमान नजर आएंगे।।

देख लो  प्यार से चश्मा  उतार दुनिया को।
सोच  बदलोगे  तो   इंसान  नजर आएंगे।।

हम  तुम्हारे  हैं  हमें  अपना बनाकर देखो।
चाहते  हो  जिन्हें  मेहमान  नजर आएंगे।।

तुम समझते हो जिन्हें अपना, बड़े झूठे हैं।
अपने  राजा  के वे, दीवान नजर आएंगे।।

उनको बेगाना कहा हमने जिन्हें ठुकराया।
अपने गुलशन के वही शान नजर आएंगे।।

जिनकी फितरत हैं हमें दागदार कहने की।
दाग  धुलवा के वे, गुलदान नजर आएंगे।।

इन मुखौटों भरे चेहरों से घुटन होगी जब।
बनके अंधेरों में, रोशनदान नजर आएंगे।।

हम  अगर बाग को, चोरों के हाथ दे देंगे।
ये चमन हर घड़ी, सुनसान नजर आएंगे।।

धर्म मजहब कभी खतरों में नहीं होता है।
जान जाओगे तो, भगवान नजर आएंगे।।…”अनंग”