शराफत: “अवधी-मधुरस”
एकाएक हम ही बौने हुए हैं ।शराफत में औने -पौने हुए हैं । दिन-रात बस यही मंथन किया करूॅंबिन बात ही क्यूॅं ? यूॅं आहें भरा करूॅंकरते दगाबाजी मिलकर अपने…
एकाएक हम ही बौने हुए हैं ।शराफत में औने -पौने हुए हैं । दिन-रात बस यही मंथन किया करूॅंबिन बात ही क्यूॅं ? यूॅं आहें भरा करूॅंकरते दगाबाजी मिलकर अपने…