एक सजल: रवेन्द्र पाल सिंह ‘रसिक’
✒️वेदना की चुभन हो गयी जिंदगी।बस तपन ही तपन हो गयी जिंदगी।। ✒️उम्र की वारुणी में गरल बन घुली।पी लिया तो कफन हो गयी जिंदगी।। ✒️देह के फूल खिलकर सितारे…
✒️वेदना की चुभन हो गयी जिंदगी।बस तपन ही तपन हो गयी जिंदगी।। ✒️उम्र की वारुणी में गरल बन घुली।पी लिया तो कफन हो गयी जिंदगी।। ✒️देह के फूल खिलकर सितारे…