कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये
ह्रदय मे तेरा नेह लिए
सुन्दर शब्दो की माला गुह कर
डालूँ गले मे तेरे हार प्रिये
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये ।।
जन्मो का बंदन लिए हुए
हाथो मे तेरा हाथ लिए
दोनो मिल कर साथ चले
सुन्दर जीवन के पथ मे
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये ।।
दे दो अपनी धड़कन आज प्रिये
मै सांसे ले लूँ आज प्रिये
सुन लूँ अपने कानो से
सुन्दर शब्दो को आज प्रिये
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये ।।
तेरे ह्रदय का प्यार मिले
नव जीवन का संचार करे
दो ह्रदय की प्रेम पीपासा को
आओ मिल कर शांत करे
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये ।।
धर्मों कर्मो की रुचि को तेरी
आओ हम सम्मान करे
रच दूँ ऐसी रचना आज प्रिये
जिस से तुमको सम्मान मिले
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये ।।
ये ह्रदय के मेरे उदगार प्रिये
मन की मेरी ये बात प्रिये
सोचा कह दूँ तुमसे आज प्रिये
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये
कुछ लिख दूँ तुम पर आज प्रिये ।।
रचना स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित है ।
रचनाकार
उत्तम कुमार तिवारी ” उत्तम “
लखनऊ
उत्तर प्रदेश
भारत
अति उत्तम रचना।