IFRAME SYNC 728x90 728x90_1 IFRAME SYNC 728x90 728x90_1 IFRAME SYNC
गजल: बद्री प्रसाद वर्मा अनजान

कागज पर मोहब्बत का गीत कागज पर मोहब्बत का गीतलिख दो मेरे यार ।हमको भी देखो तुमसेअब हो गया है प्यार। दिल को मेरे और तुमकरो न बेकरार।तुमको बना लिया…

गीत: बद्री प्रसाद वर्मा अनजान

यह दुनिया न मेरी न तेरी रहेगी बद्री प्रसाद वर्मा अनजान यह दुनिया न मेरी न तेरी रहेगीन इतरा इतना यह यहीं रहेगी। राजा और रंक सब आते रहेंगेदुनिया का…

ढाई अक्षर प्यार का: गार्गी चटर्जी “आशा

अच्छा लगता है हर पल,तेरी यादों में खोना ।याद आता वो सुखद पल,तेरी गोद में सोना ।।वो प्रकृति का करीब से ,जो अनुभव होना ।मदहोश भरे पल में,हमारा करीब होना…

शराफत: “अवधी-मधुरस”

एकाएक हम ही बौने हुए हैं ।शराफत में औने -पौने हुए हैं । दिन-रात बस यही मंथन किया करूॅंबिन बात ही क्यूॅं ? यूॅं आहें भरा करूॅंकरते दगाबाजी मिलकर अपने…

जन जन की भाषा हिंदी: मीना सुरेश जैन सुमीता

देश का मान,सम्मान और अभिमान है, हिंदीअब तो विदेशी भी, अपनाते हिंदीहमारी संस्कृति की,प्राण है हिंदीसंस्कृत से तो जन्मी है, अनेक भाषाएंपर संस्कृत की है, हिंदी बिटिया प्यारीहो गई है…

यह भी हत्या है: नाहिदा शाहीन

हत्या एक जघन्य अपराध हैहत्या तब भी होती हैजब हम खामोश रहते हैं।कटते हुए जंगल को देखकरयह हत्या है आने वाली पीढ़ीजो होगी बेचैन और झेलेगी कहर को।क्या यह हत्या…

समानुभूति: नाहिदा शाहीन

समानुभूति की कथा कहूंसम भाव को समझ में जाऊंपर पीड़ा को समझो बेहतरहर्ष को भी समझो हंसकरभाव जीवन का सार हैवरना जीवन बेकार हैहर भाव का पुतला है नरभाव कोसहजता…

जनरल डिब्बे मे रेल की यात्रा: शिवनाथ सिंह “शिव”

जब जून की जालिम गरमी मा ,रेलवे की यात्रा पड गइले ।जब दुइ डिब्बा के पैसेन्जर ,एक डिब्बा महियॉं घुस गइले ।। का विपति बताई हम तुमसे ,जस विपदा हम…

याद: मीना सुरेश जैन सुमीता

आज फिर,तेरी याद में आंखें भर आईं हैंसंग बीतीं, कुछ खट्टी, कुछ मीठी यादें मैंने सजायी हैंमीठी यादें, ओठों पर मुस्कान लाई हैंकुछ अश्रुकण, सहज ही आंखें भर लाई हैं…

वीर बाल दिवस: हरमिंदर कौर, अमरोहा

दसवे गुरु गोविंद सिंह जी केपरिवार की शहादतपूरे इतिहास में सबसे बड़ी शहादत है। धर्म और सब की रक्षा के लिएऐसा ना कोई दूसरा किस्सा होगा20 दिसंबर से लेकर 27…

दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी दे अमर लाल हुए: हरमिंदर कौर, अमरोहा

दशमेश गुरु गोविंद सिंह जीदे निक्के निक्के बच्चे सीखेड्ण खाण दी उमर सीपर हौसले बुलंद सी। औरंगजेब नू तरस ना आयाबच्चेआ नाल झुंड लड़ायाबाबा फतेह सिंह, बाबा जुझार सिंहदोनों कल्ले…

गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ: सुखविंद्र सिंह मनसीरत

गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँसवा लाख से मै एक सिंह लड़ाऊँ। मुगलों के जब बढ़ गये थे अत्याचार,जुल्म मिटाने बनकर आ गये सरदार,चिर से जो सोये उनको आन…

भारतीय नारी तुमको प्रणाम: संध्या जैन महक

है श्रद्धा भारतीय नारी कर नहीं सकता कोई बराबरी तुम्हारी तुम मां मे ममता हो भगिनी में समता हो तुम उपासना हो देवों की आराधना भी तुम हो संस्कृति तुमसे…

एक सजल: रवेन्द्र पाल सिंह ‘रसिक’

✒️वेदना की चुभन हो गयी जिंदगी।बस तपन ही तपन हो गयी जिंदगी।। ✒️उम्र की वारुणी में गरल बन घुली।पी लिया तो कफन हो गयी जिंदगी।। ✒️देह के फूल खिलकर सितारे…

रा. काव्य रसिक मंच उ प्र. इकाई की “शहादत दिवस” विशेष काव्य गोष्ठी संपन्न

फिर उठी आख़िर सदा तौहीद की पंजाब से*श।।हिन्द को इक मर्द-ए-कामिल ने जगाया ख़्वाब से।। संस्था के संस्थापक रामकुमार रसिक ने विशेष उद्बोधन दिया।गोष्ठी का शुभारंभ . जया मोहन प्रयागराज…

भोलापन: आनन्द कुमार

भोलापन तेरा प्यार प्यारा,चितवन तेरी मधुरिम सी,चंचल चंचल तेरे नयना,सागर की ग़हराई सी।भोलापन तेरा प्यारा प्यारा,चितवन तेरी मधुरिम सी। गोरा गोरा बदन है तेरा,कान्ति है मुख की उज्वल सी,नहीं कहीं…