3 December 2024

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विषय-आज रिश्तों में जमीं बर्फ पिघलते देखा है पानी बन आँखों से अश्क निकलते देखा है।आज रिश्तों...
भीख मांगते सड़कों पर,खूब सता रही है भूख,तन पर कपड़े फटे हुये,गला जा रहा अब सूख। कोई...
युगों युगों से पूजे नारी, लिया उसे है देवी मान।कभी देखते दुर्गा उसमें, कभी करे लक्ष्मी का...
मेरे अहसास एक मुद्दत से उसने मेरा हाल नहीं पूछा कहते हैं लफ़्ज़ों की बरसात नहीं करता...