पहचान अपनी बनाना जरूरी है किसी के दिल को अपना बनाना जरूरी है यूं तो मिल जाते हैं बहुत लोग जनाब धड़कन धड़कनों से मिलाना जरूरी है।
उनके आने से जो हलचल होने लगती है।
रूह से रूह का मिलन हो ।
मेरी जिंदगी में उनका एहसास जरूरी है।
हर कदम में जो गिरने से पहले संभाल ले।
ऐसे शख्स का जिंदगी भर साथ जरूरी है।
डॉ आकांक्षा रूपा चचरा
कवित्री शिक्षिका समाज सेविका मनोचिकित्सक
कटक उड़ीसा
जलेश्वर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल।
बालेश्वर
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