वक़्त है: डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक
अपने वतन का नाम बढ़ाने का वक़्त हैइक दूसरे का साथ निभाने का वक़्त है ।। कुर्बानियों के गीत सुनाने का वक़्त हैअहले वतन का जोश बढ़ाने का वक़्त है…
अपने वतन का नाम बढ़ाने का वक़्त हैइक दूसरे का साथ निभाने का वक़्त है ।। कुर्बानियों के गीत सुनाने का वक़्त हैअहले वतन का जोश बढ़ाने का वक़्त है…
युगों से नारी आज भी भ्रमण कर रही है नारीयुगों पुरानी धुरी परद्रौपदी की भाँतिअपनी इज़्ज़त को बचातीअपना आँचल संभालतीअपना हक़ माँगती… प्रत्येक युग में अबला नारीकिसी ना किसी रूप…
कौन सा कामकब करना हैयही तो फ़ैसलानहीं होता तुम सेयही तुम्हारीउलझन का सबब हैऔर कमज़ोरी भी नाँच रही हैं आज बहारेंमहकी हुई हैं सभी दिशाएँहंसने का मौसम हैऔर तुम तोरोने…
तुम क्यों नहीं आते पलाश के फूल भीमौसम आने पर खिल जाते हैंधरती और अंबर भीएक वक्त पर मिल जाते हैंमगर हम तुम क्यों मिल नहीं पाते ?मन के फूल…