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गजल: बद्री प्रसाद वर्मा अनजान


कागज पर मोहब्बत का गीत

कागज पर मोहब्बत का गीत
लिख दो मेरे यार ।
हमको भी देखो तुमसे
अब हो गया है प्यार।

दिल को मेरे और तुम
करो न बेकरार।
तुमको बना लिया है
अपने हुस्न का दीदार।

मेरी भी तमन्ना है
कर लो इश्क का एजहार।
अंग अंग में भर गया है
तेरे प्यार का खुमार।

अब और न तड़पाओ
सुन लो दिलदार।
आओ दिल के सागर में
तुम भी डूब जाओ तलबगार

बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गल्ला मंडी गोला बाजार 273408गोरखपुर उ प्र

Daily Hukumnama Sahib

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