जन जन की भाषा हिंदी: मीना सुरेश जैन सुमीता
देश का मान,सम्मान और अभिमान है, हिंदीअब तो विदेशी भी, अपनाते हिंदीहमारी संस्कृति की,प्राण है हिंदीसंस्कृत से तो जन्मी है, अनेक भाषाएंपर संस्कृत की है, हिंदी बिटिया प्यारीहो गई है…
देश का मान,सम्मान और अभिमान है, हिंदीअब तो विदेशी भी, अपनाते हिंदीहमारी संस्कृति की,प्राण है हिंदीसंस्कृत से तो जन्मी है, अनेक भाषाएंपर संस्कृत की है, हिंदी बिटिया प्यारीहो गई है…
हत्या एक जघन्य अपराध हैहत्या तब भी होती हैजब हम खामोश रहते हैं।कटते हुए जंगल को देखकरयह हत्या है आने वाली पीढ़ीजो होगी बेचैन और झेलेगी कहर को।क्या यह हत्या…
समानुभूति की कथा कहूंसम भाव को समझ में जाऊंपर पीड़ा को समझो बेहतरहर्ष को भी समझो हंसकरभाव जीवन का सार हैवरना जीवन बेकार हैहर भाव का पुतला है नरभाव कोसहजता…
जब जून की जालिम गरमी मा ,रेलवे की यात्रा पड गइले ।जब दुइ डिब्बा के पैसेन्जर ,एक डिब्बा महियॉं घुस गइले ।। का विपति बताई हम तुमसे ,जस विपदा हम…
आज फिर,तेरी याद में आंखें भर आईं हैंसंग बीतीं, कुछ खट्टी, कुछ मीठी यादें मैंने सजायी हैंमीठी यादें, ओठों पर मुस्कान लाई हैंकुछ अश्रुकण, सहज ही आंखें भर लाई हैं…
दसवे गुरु गोविंद सिंह जी केपरिवार की शहादतपूरे इतिहास में सबसे बड़ी शहादत है। धर्म और सब की रक्षा के लिएऐसा ना कोई दूसरा किस्सा होगा20 दिसंबर से लेकर 27…
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जीदे निक्के निक्के बच्चे सीखेड्ण खाण दी उमर सीपर हौसले बुलंद सी। औरंगजेब नू तरस ना आयाबच्चेआ नाल झुंड लड़ायाबाबा फतेह सिंह, बाबा जुझार सिंहदोनों कल्ले…
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँसवा लाख से मै एक सिंह लड़ाऊँ। मुगलों के जब बढ़ गये थे अत्याचार,जुल्म मिटाने बनकर आ गये सरदार,चिर से जो सोये उनको आन…
है श्रद्धा भारतीय नारी कर नहीं सकता कोई बराबरी तुम्हारी तुम मां मे ममता हो भगिनी में समता हो तुम उपासना हो देवों की आराधना भी तुम हो संस्कृति तुमसे…
✒️वेदना की चुभन हो गयी जिंदगी।बस तपन ही तपन हो गयी जिंदगी।। ✒️उम्र की वारुणी में गरल बन घुली।पी लिया तो कफन हो गयी जिंदगी।। ✒️देह के फूल खिलकर सितारे…
मैं भीतर डूब जाता हूँ और पाता हूँ लहरों में एक निरर्थक पर सक्रिय तिनका जो उलझ जाता है बाहर और कवि हो जाता हूँ।
फिर उठी आख़िर सदा तौहीद की पंजाब से*श।।हिन्द को इक मर्द-ए-कामिल ने जगाया ख़्वाब से।। संस्था के संस्थापक रामकुमार रसिक ने विशेष उद्बोधन दिया।गोष्ठी का शुभारंभ . जया मोहन प्रयागराज…
भोलापन तेरा प्यार प्यारा,चितवन तेरी मधुरिम सी,चंचल चंचल तेरे नयना,सागर की ग़हराई सी।भोलापन तेरा प्यारा प्यारा,चितवन तेरी मधुरिम सी। गोरा गोरा बदन है तेरा,कान्ति है मुख की उज्वल सी,नहीं कहीं…
शीत ऋतु का मौसम आया अब मैं माह दिसम्बर हूं,गर्म कपड़ों को जीवन देता नहिं कोई आडम्बर हूं। अति वर्षा से राहत देने मैं त्राता बन आया हूं,कम्बल,रजाई,सूट-बूट सब साथ…
मृत सभ्यताओं से प्रेरणा क्यों तुम लेते हो?भुजाओं में बल है अगरतो अपनी सामर्थ्य सेनिर्माण का नवीन इतिहास क्यों नहीं रचते हो?मृतकों की गली मेंचलते हो क्यों भिक्षा का थाल…
मिलते रिस्ते एक हज़ारयदि दौलत शोहरत हो पासनही पूछता है कोई उनकोजो होते है धन से लाचार लोभी लम्पट औ व्यभिचारीइनको दौड़े जनता सारीनही पूछता है कोई उनकोजो होते अच्छे…
तुम मेरा मान हो मेरा सम्मान होमेरे सबसे बड़ा तुम अभिमान होया यु कहे तुम जब से आये होतुम मेरे घर पर ऊपर कुर्बांन हो ।। आई थी तुम मेरे…
स्वरचित एवं मौलिकसंध्या प्रकाशराँचीEmail : greatsandhya15@gmail.com
साहित्यिक संस्था “कविता कथा कारवाँ ,लुधियाना की तरफ़ से विशाल वार्षिक साहित्यिक मेला डॉ. सुरेश नायक की अध्यक्षता में संपन्न किया गया जिसमें विशेष मेहमान के रूप में डॉ.हरि सिंह…