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भोलापन: आनन्द कुमार

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भोलापन तेरा प्यार प्यारा,
चितवन तेरी मधुरिम सी,
चंचल चंचल तेरे नयना,
सागर की ग़हराई सी।
भोलापन तेरा प्यारा प्यारा,
चितवन तेरी मधुरिम सी।

गोरा गोरा बदन है तेरा,
कान्ति है मुख की उज्वल सी,
नहीं कहीं कोई दिखे कालिमा,
रक्तिम आभा उषा की।
भोलापन तेरा प्यारा प्यारा
चितवन तेरी मधुरिम सी।

सुवा जैसी नासिका कोमल,
ग्रीवा कोमल रेशम सी
पयधर उन्नत हैं दोउ तेरे,
अमित पुष्प हैं मधुवन सी।
भोलापन तेरा प्यारा प्यारा,
चितवन तेरी मधुरिम सी।

नाभि स्थल तेरा है मनभावन,
उरु दोउ तेरी जंगम सी,
पैर में पायल छन छन बाजें,
बहुत सुहावन कोमल ध्वनि सी
भोलापन तेरा प्यारा प्यारा,
चितवन तेरी मधुरिम सी।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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